इंटरनेट ने हमारे जीवन को कई मायनों में बदलकर रख दिया है। इसने हमारे जीवन स्तर को ऊंचा कर दिया है और कई कार्यों को बहुत सरल-सुलभ बना दिया है। सूचना, मनोरंजन और ज्ञान के इस अथाह भंडार से जहां सहूलियतों में इजाफा हुआ है तो वहीं इसकी लत भी लोगों के लिए परेशानी का सबब बन गई है। फिलहाल देश और दुनिया की एक बड़ी आबादी इंटरनेट, स्मार्टफोन और सोशल मीडिया के साइबर एडिक्शन का शिकार हो चुकी है।

पिछले साल के एक सर्वे से यह खुलासा हुआ था कि इंटरनेट का ज्यादा इस्तेमाल लोगों की जीवन शैली को प्रभावित कर रहा है और उन्हें मानसिक रूप से कमजोर बना रहा है। इंटरनेट का नशा इस कदर लोगों के सिर पर चढ़ रहा है कि उनको मनोचिकित्सकीय उपचार और काउंसलिंग तक करानी पड़ रही है।

इंटरनेट की बदौलत आज सूचनाओं का आदान-प्रदान पलक झपकते होने लगा है, लेकिन इसके ज्यादा इस्तेमाल की वजह से आज यह साइबर एडिक्शन का कारण भी बन गया है। आज हालात यह है कि देश और दुनिया की एक बड़ी आबादी सूचनाओं के बोझ से दबी जा रही है और सोचने-समझने की उसकी क्षमता लगातार कम होती जा रही है। अगर आप या आपके परिवार में कोई साइबर एडिक्शन का शिकार है, तो ये टूल्स इस लत को छुड़ाने में मददगार हो सकते हैं-

फॉरेस्ट: स्टे फोकस्ड (Forest: Stay Focused)

अगर आपको स्मार्टफोन में इंटरनेट सर्फिंग की लत है, तो फिर इस एप्लिकेशन का इस्तेमाल करना आपके लिए काफी उपयोगी हो सकता है। यह एप फोन से दूर रहने के कई तरीके बताता है। इसमें फोन एडिक्शन को दूर करने के लिए अनोखा तरीका अपना गया है। इंस्टॉल करने के बाद जैसे ही आप एप को ओपन करते हैं, इसमें स्क्रीन पर एक वर्जुअल प्लांट उगना शुरू होता है। यह प्लांट धीरे-धीरे बढ़ता रहता है, लेकिन जैसे ही आप एप से हटकर इंटरनेट ब्राउजिंग या फिर कोई दूसरी ऐप्स खोलते हैं, तो यह आपको अलर्ट करता है कि आपके इस प्रयास से आपका वर्जुअल प्लांट सूख या फिर मर सकता है। इस तरह यह आपको फोन से दूर रहने के लिए प्रेरित करता है। यह एंड्रॉयड, आइओएस के साथ क्रोम को भी सपोर्ट करता है।

मोमेंट: लेस फोन-मोर लाइफ (Moment: Less Phones-More Life)

इस एप का मकसद है कि यूजर फोन की बजाय रियल लाइफ को एंज्वॉय करे। अगर किसी को फोन की लत है, तो वह न सिर्फ खुद की, बल्कि फैमिली लाइफ को भी कहीं न कहीं बर्बाद कर रहे होते हैं। आप दिन में कितनी देर स्मार्टफोन का इस्तेमाल करते हैं, यह उसे ऑटौमैटिकली ट्रैक करता रहता है। अगर तय समय से ज्यादा देर फोन का इस्तेमाल करते हैं, तो यह आपको अलर्ट करता है। साथ ही, यह डिवाइस के इस्तेमाल को सीमित करने के लिए फोर्स करता है। इसकी मदद से आप अपनी फैमिली के स्क्रीन टाइम को भी मैनेज कर सकते हैं। इसमें फोन की लत को छोड़ने के लिए हर दिन छोटे-छोटे एक्सरसाइज भी दिए जाते हैं, जो मजेदार और उपयोगी साबित होते हैं। कंपनी का दावा है कि दुनिया भर में इसके 70 लाख से अधिक यूजर्स हैं। इसे एंड्रॉयड और आइओएस प्लेटफॉर्मों के लिए डाउनलोड किया जा सकता है।

म्यूट स्क्रीन टाइम ट्रैकर (mute screen time tracker)

अगर आप बेवजह मोबाइल का बहुत अधिक उपयोग करते हैं, तो यह एप्लिकेशन इसके इस्तेमाल को सीमित करने में आपकी सहायता करेगा। यह यूजर को प्रेरित करता है कि कम से कम फोन का उपयोग करें। इसके लिए एप में स्क्रीन टाइम फीचर दिया गया है, जिसकी सहायता से मोबाइल पर बिताए जाने वाले अपने समय को नियंत्रित कर सकते हैं। आप घर पर हों या फिर ऑफिस में, यह आपके इस्तेमाल को हमेशा ट्रैक करके दिखाता रहेगा। इससे फोन के लगातार इस्तेमाल से ब्रेक लेने की आपमें आदत पड़ेगी। साथ ही, डेली और वीकली डाटा के जरिए आप देख सकते हैं कि एक हफ्ते में आपने फोन पर कितना समय बिताया है। यह एप आइओएस यूजर्स के लिए है।

स्रोत: https://hindi.news18.com/blogs/pradeep_10/brain-health-internet-addiction-entertainment-social-media-world-psychiatry-psychologists-psychiatry-nodakm-3712952.html

Editor, the Credible Science Pradeep's name is definitely included in the science communicators who have made their mark rapidly in the last 8-9 years. Pradeep is writing regularly in the country's leading newspapers and magazines on various subjects of science.

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