
इस बात पर यकीन नहीं होता कि वर्तमान समय में पृथ्वी पर अंतरिक्ष से आने वाली किसी शिला का संबंध हमारे सौर मंडल के अतीत से भी हो सकता है। वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि नौ साल पहले रूस के चेल्याबिंस्क शहर पर फटने वाले उल्कापिंड का संबंध अंतरिक्ष में एक बड़ी भिड़ंत से था, जिसके फलस्वरूप चंद्रमा का जन्म हुआ। ध्यान रहे कि 19 मीटर चौड़े इस उल्का पिंड के फटने से व्यापक क्षति हुई थी और 1600 से अधिक लोग घायल हो गए थे। वैज्ञानिकों ने चेल्याबिंस्क उल्का पिंड के बारे में नया दावा अंतरिक्ष में चट्टानों की टक्कर के समय-निर्धारण की एक नई विधि के आधार पर किया है। यह विधि उल्का पिंडों के अंदर मौजूद खनिजों के सूक्ष्म विश्लेषण पर आधारित है।
हमारे सौर मंडल का गठन करीब 4.5 अरब वर्ष पहले हुआ था। क्षुद्र ग्रहों और उल्का पिंडों के अध्ययन में विज्ञानियों की विशेष रुचि है, क्योंकि वे इन्हें सौर मंडल के गठन के समय हुई उथल-पुथल का हिस्सा मानते हैं। सौर मंडल की शुरुआत उस समय हुई जब धूल और गैस की डिस्क ने नवोदित सूरज के चारों तरफ घूमना शुरू किया। इसी दौरान छोटी शिलाओं की निरंतर टक्कर के बाद ग्रहों का निर्माण हुआ। पृथ्वी और दूसरे ग्रहों पर इतिहास का पता लगाना बहुत मुश्किल है, क्योंकि भौगोलिक और मौसमी प्रक्रियाओं ने सारे सुबूत मिटा दिए हैं। सतह पर बड़े-बड़े प्रहारों के निशान भी छिप सकते हैं।
क्षुद्र ग्रह निष्क्रिय पिंड हैं और अंतरिक्ष की शून्यता में विचरते रहते हैं। वे अपरिवर्तित रहते हैं। पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण की गिरफ्त में आने के बाद वे उल्का पिंडों के रूप में सतह पर गिरते हैं। विज्ञानियों के पास उल्का पिंडों में मौजूद खनिज के आधार पर अंतरिक्ष में हुई प्राचीन भिड़ंतों का समय निर्धारित करने की विधियां हैं। इनमें से एक विधि जिर्कोन के क्रिस्टलों में यूरेनियम और लेड (सीसा) की आयु-निर्धारण की है। इसके अलावा उल्कापिंड का प्रहार भी रेडियोएक्टिव खनिजों की आयु को आंशिक या पूर्ण रूप से दोबारा निर्धारित कर सकता है। इस विधि से विज्ञानियों ने पता लगाया कि चेल्याबिंस्क उल्कापिंड का संबंध दो भिड़ंतों से हैं। इनमें से एक भिड़ंत 4.5 अरब साल पहले और दूसरी की पांच करोड़ वर्ष पहले हुई थी।
ब्रिटेन के कैंब्रिज विश्वविद्यालय के भूविज्ञानी क्रेग वाल्टन और उनके सहयोगियों ने इन भिड़ंतों के समय की पुष्टि के लिए उल्का पिंड में फास्फेट खनिजों का अध्ययन किया। उल्कापिंडों के प्रहार का समय अक्सर विवादास्पद होता है। किसी नतीजे पर पहुंचने के लिए ठोस सुबूत चाहिए। यह किसी प्राचीन अपराध-स्थल की छानबीन करना जैसा है। इस विषय पर अभी और शोध की आवश्यकता है, लेकिन इस तकनीक से सौर मंडल के प्रारंभिक इतिहास को बेहतर ढंग से समझने में मदद मिलेगी। – मुकुल व्यास (विज्ञान लेखक)
इस लेख को अंग्रेजी में पढ़ें: https://thecrediblescience.com/is-the-early-history-of-the-solar-system-hidden-in-asteroids-and-meteorites/
2 replies on “क्या क्षुद्रग्रहों और उल्कापिंडों में छिपा है सौरमंडल का प्रारंभिक इतिहास?”
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इस बात में कोई शक नही के उल्कापिंड और सौरमंडल के अन्य पिंड हमारे सौरमंडल के निर्माण के बाद बचा रॉ मैटेरियल है इन के अध्ययन से बहुत सी बातों का खुलासा हो सकता है जैसे धरती पर खनिजों का वितरण कैसे हुआ पानी का वितरण कैसे हुआ वगेराह और यह भी हो सकता है की कुछ पिंड हमारे सौर परिवार के हो ही नही बल्कि पड़ोस के हो जो सौर मंडल के बाहर से हो उनसे हमें दूसरे सौरमंडल के गठन के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी मिलेगी