
वाशिंगटन, एएनआइ: हार्ट अटैक किसे कब हो जाए, यह पता नहीं होता। उसके खतरे को भांपने का भी कोई सटीक जांच भी अब तक उपलब्ध नहीं है। ऐसे में सीडर-सिनाई के शोधकर्ताओं ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआइ) आधारित एक ऐसा टूल बनाया है, जिससे हार्ट अटैक की आशंका का आसानी से पूर्वानुमान लगाया जा सकता है।
द लैंसेट डिजिटल हेल्थ (The Lancet Digital Health) में प्रकाशित एक आलेख में बताया गया है कि यह टूल हृदय को रक्त की आपूर्ति करने वाली धमनी में जमने वाली मैल की परत (प्लैक) की संरचना और उसकी मात्र के आधार पर अगले पांच वर्षो में हार्ट अटैक के खतरे का पूर्वानुमान लगा सकेगा।

धमनी में प्लैक के निर्माण से यह संकरी हो जाती है, जिसके कारण हृदय तक रक्त पहुंचने में कठिनाई उत्पन्न होती है और इसी कारण हार्ट अटैक का खतरा बढ़ता है। कोरोनरी कंप्यूटेड टोमोग्राफी एंजियोग्राफी (computed tomography angiography/CTA) एक ऐसी मेडिकल जांच है, जिसके जरिये हृदय और धमनी की 3डी इमेज ली जाती और उसके आधार पर डाक्टर यह अनुमान लगाते हैं कि धमनी कितनी संकरी हो गई है। लेकिन अभी भी कोई सामान्य, आटोमैटिक और द्रुत व्यवस्था नहीं है, जिससे कि सीटीए इमेज में दिखने वाले प्लैक को मापा जा सके।

इस शोध की लेखिका सीडर-सिनाई स्थित बायोमेडिकल इमेजिंग रिसर्च इंस्टीट्यूट में क्वांटिटेटिव इमेज एनालिसिस लैब की निदेशक दामिनी डे (Damini Dey, PhD) ने बताया कि पूरी तरह आटोमैटिक तरीका नहीं होने से अक्सर कोरोनरी प्लैक का मापन नहीं हो पाता है। जब विशेषज्ञ इसे मापने की कोशिश भी करते हैं तो उसमें 25 से 30 मिनट का समय लग जाता है। लेकिन हमारे इस प्रोग्राम के इस्तेमाल से हम सीटीए इमेज से प्लैक की मात्र का पांच से छह सेकेंड में पता लगा सकते हैं।डे और उनके सहयोगियों ने आस्ट्रेलिया, जर्मनी, जापान, स्काटलैंड तथा अमेरिका में 11 जगहों पर कोरोनरी सीटीए टेस्ट कराने वाले 1,196 लोगों के सीटीए इमेज का विश्लेषण किया, जिसमें एआइ अल्गोरिद्म का भी इस्तेमाल किया गया। इनमें से 921 लोगों की रिपोर्ट का डाक्टर भी विश्लेषण कर चुके थे।
अल्गोरिद्म से सबसे पहले 3डी इमेज में कोरोनरी आर्टरी की आउटलाइनिंग करता है। उसके बाद उसमें ब्लड और प्लैक की पहचान करता है। शोधकर्ताओं ने पाया कि इस टूल से किया गया मापन कोरोनरी सीटीए में देखे गए प्लैक की मात्र से मेल खाता है। उन्होंने इसकी पुष्टि इंट्रावास्कुलर अल्ट्रासाउंड और कैथेटर आधारित कोरोनरी एंजियोग्राफी जैसे टेस्ट के परिणामों से भी की। ये दोनों टेस्ट आर्टरी में प्लैक आकलन के सटीक तरीके हैं।
अंत में शोधकर्ताओं ने पाया कि एआइ अल्गोरिद्म से किए गए सीटीए इमेज के आकलन से पांच वर्षो के लिए 1,611 लोगों के हार्ट अटैक के जोखिम का सटीक पूर्वानुमान मिला। ये सभी लोगो स्काट-हार्ट ट्रायल के हिस्सा रहे थे।
डे ने कहा कि यद्यपि इस दिशा में अभी और अध्ययन की जरूरत है, लेकिन इसकी पूरी संभावना है कि हम प्लैक की मात्र और उसकी संरचना के आधार पर जल्द ही इसका पूर्वानुमान लगाने में सक्षम होंगे कि किसी व्यक्ति को कितना जल्द हार्ट अटैक का खतरा है।
प्राथमिक स्रोत: https://www.cedars-sinai.org/newsroom/artificial-intelligence-tool-may-help-predict-heart-attacks/